Dastan-E-Sahil
Monday, November 25, 2013
प्रथम त्रिवेणी
" पलकें बंद करता हूँ तो दर्द छलकता है
खुली रखता हूँ तो आँखों में चमकता है
दर्द है या साग़र है खाली पैमानों से भी झलकता है
-मोहन गोडबोले"साहिल"( २४/११/१३)
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