Sunday, November 19, 2017

मैंने ज़िदगी की ख़ुशियाँ तुम्हारी आँखों में देख़ने की जुर्रत की

मुझे माफ़ कर सको तो करो


मैंने हर साँस तुम्हारी साँसों के साथ लेने की कोशिश की

मुझे माफ़ कर सको तो करो

मुझे अपने दिल के ज़ख्मों पर तुम्हारी छुअन की ज़रूरत थी

मुझे माफ़ कर सको तो करो

मैं के रिश्ते में बेईमान रह गया
मुझे माफ़ कर सको तो करो

मेरी सारी बद्तमीज़ियों के लिए
मुझे माफ़ कर सको तो करो

मैं अपने वचन पर टिक न पाया
मुझे माफ़ कर सको तो करो

मैं के माफ़ी के क़ाबिल भी नहीं मगर फिर भी
मुझे माफ़ कर सको तो करो

तड़पना, जलना और आहें भरना मेरा मुक़द्दर है,
तुम्हारी बांहों में,
 मैं ये सब भूल गया था,
मुझे माफ़ कर सको तो करो

मुझे माफ़ कर सको तो करो...