हे मालव माटी तुझे नमन है
तेरे चरणों में वंदन है
रज तेरी माथे पर लगाऊ
जैसे शीतल चन्दन है
हे मालव माटी तुझे नमन है
तेरे चरणों में वंदन है
तेरी गोद में जन्मा हूँ तो
आनंदित मेरा हर क्षण है
तेरे आशीष से बना हुआ
मेरे शरीर का हर एक कण है
हे मालव माटी तुझे नमन है
तेरे चरणों में वंदन है
मोहन गोडबोले ( साहिल)- 10-2-13