दिल के मौसमों पे, अपनी नज़र कर दे ,
शबें रातरानी, दिन गुलमोहर कर दे ,
सुबह गेंदे सी,वासंती दोपहर कर दे
महकी महकी सी मेरी, शाम-ओ-सहर कर दे ,
बिखर जा मुझ पे , ओस की बूंदों की तरह,
मेरा दामन भिगो के, तर-बतर कर दे ,
अपने आगोश में ही , अब तो समा जाने दे ,
दीन-ओ-दुनिया से , मुझको बेखबर कर दे ,
मोहन गोडबोले( साहिल)
४/४/१३
lovely poem..no words to express.
ReplyDeleteThanks Vibha DI
ReplyDeletevery nice...
ReplyDeleteThanks darling
ReplyDelete