Thursday, April 4, 2013

नज़र


दिल के मौसमों पे, अपनी नज़र कर दे ,
शबें रातरानी, दिन गुलमोहर कर दे ,

  सुबह गेंदे सी,वासंती दोपहर कर दे 
महकी महकी सी मेरी, शाम-ओ-सहर कर दे ,
बिखर जा मुझ पे , ओस की बूंदों की तरह,
मेरा दामन भिगो के, तर-बतर कर दे ,

अपने आगोश में ही , अब तो समा जाने दे ,
दीन-ओ-दुनिया से , मुझको बेखबर कर दे ,
 

मोहन गोडबोले( साहिल)
४/४/१३


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